Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0737e3499b79ebdc2e258f6e25c2b5e0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किसे बताएँ मोहब्बत में क्या किया मैं ने - मुश्ताक़ नक़वी कविता - Darsaal

किसे बताएँ मोहब्बत में क्या किया मैं ने

किसे बताएँ मोहब्बत में क्या किया मैं ने

बना के अपना नशेमन जला दिया मैं ने

ग़ुरूर-ए-इश्क़ ख़ुदी और आबरू-ए-वफ़ा

इन्हें गँवा के बहुत कुछ बचा लिया मैं ने

ज़माना इस को कहे मय-कशी कि मय-ख़्वारी

तमाम उम्र ख़ुद अपना लहू पिया मैं ने

बुझा गई थी कभी जिस को बे-रुख़ी तेरी

उसी चराग़ को फिर से जिला लिया नय

कल उस को देख के दिल कितना बे-क़रार हुआ

समझ रहा था कि उस को भुला दिया मैं ने

(455) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Mushtaq Naqvi. is written by Mushtaq Naqvi. Complete Poem in Hindi by Mushtaq Naqvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.