दिल में कुछ है बयान में कुछ है
दिल में कुछ है बयान में कुछ है
आप की दास्तान में कुछ है
मेरे वहम-ओ-गुमान से बढ़ कर
उन के तीर-ओ-कमान में कुछ है
पाँव रखिए सँभल के बस्ती में
घर में कुछ साएबान में कुछ है
पैरव-ए-मज़हब-ए-मोहब्बत हूँ
देखता कुछ हूँ ध्यान में कुछ है
जब दिलों में रहे न गुंजाइश
माँ न समझे मकान में कुछ है
रुख़ हवा का न देखिए 'अंजुम'
देखिए बादबान में कुछ है
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