Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_105b55cf1278860e6273b8c55febec04, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अश्क पलकों पे जो आएँ तो छुपाए न बने - मुश्ताक़ अंजुम कविता - Darsaal

अश्क पलकों पे जो आएँ तो छुपाए न बने

अश्क पलकों पे जो आएँ तो छुपाए न बने

टूट कर बिखरें ये मोती तो उठाए न बने

क़हर है अपने लिए सोज़-ए-दरूँ का आलम

देखना गर कोई चाहे तो दिखाए न बने

किस तरह हाथ उठाऊँ मैं दुआ की ख़ातिर

हाथ इक पल भी तो सीने से हटाए न बने

क़िस्सा-ए-हसरत-ए-दिल हम से बयाँ क्या होगा

बे-रुख़ी उन की है ऐसी कि बताए न बने

ज़ुल्म को ज़ुल्म समझता है कहाँ वो ज़ालिम

हाल-ए-दिल अपना सितमगर को सुनाए न बने

कौन सी बात थी क्या तर्ज़-ए-अदा थी 'अंजुम'

नक़्श ऐसा हुआ दिल पर कि मिटाए न बने

(491) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Mushtaq Anjum. is written by Mushtaq Anjum. Complete Poem in Hindi by Mushtaq Anjum. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.