मुशीर झंझान्वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुशीर झंझान्वी
नाम | मुशीर झंझान्वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Mushir Jhanjhanvi |
जन्म की तारीख | 1926 |
मौत की तिथि | 1990 |
जन्म स्थान | Delhi |
वो सुन सकें कोई उनवाँ इसी लिए हम ने
मसर्रतों ने तो चाहा था दिल में आ जाएँ
तेरी चश्म-ए-सितम-ईजाद से डर लगता है
तिरी बर्क़-पाश-निगाह से तिरे हश्र-ख़ेज़-ख़िराम से
ताब-ए-नज़र से उन को परेशाँ किए हुए
सोज़-ओ-गुदाज़-ए-इश्क़ का चर्चा न कर सके
सितम में भी शान-ए-करम देखते हैं
नज़रों की ज़िद से यूँ तो मैं ग़ाफ़िल नहीं रहा
नसीब-ए-इश्क़ मसर्रत कभी नहीं होती
मोहब्बत में सहर ऐ दिल बराए नाम आती है
मेरी नज़र नज़र में हैं मंज़र जले हुए
इश्क़ की शो'ला-मिज़ाजी ख़ुद ही बरसाती है आग
हौसला दिल का हवादिस में बढ़ा रक्खा है
दिल बेताब-ए-मर्ग-ए-ना-गहाँ बाक़ी न रह जाए