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जब आसमाँ ने नन्हे परिंदों को पर दिए - मुसर्रत हाशमी कविता - Darsaal

जब आसमाँ ने नन्हे परिंदों को पर दिए

जब आसमाँ ने नन्हे परिंदों को पर दिए

ज़ालिम हवा ने तीर भी हम-राह कर दिए

इस गुल्सिताँ से फ़ाख़्ता पर्वाज़ कर गई

मौसम ने शाख़-सार भी काँटों से भर दिए

हर शख़्स अहद-ए-जब्र में हर्फ़-ए-दुआ हुआ

होंटों को हादसात ने क्या क्या हुनर दिए

अपनी निगह के आईने सूरज को सौंप कर

हम ने भी काएनात को आईना-गर दिए

फिर आसमाँ के औज से शबनम अता हुई

फिर मेरी पस्तियों ने मुझे बहर-ओ-बर दिए

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In Hindi By Famous Poet Musarrat Hashmi. is written by Musarrat Hashmi. Complete Poem in Hindi by Musarrat Hashmi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.