Ghazals of Murtaza Birlas (page 2)
नाम | मुर्तज़ा बिरलास |
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अंग्रेज़ी नाम | Murtaza Birlas |
जन्म की तारीख | 1934 |
इक बार ही जी भर के सज़ा क्यूँ नहीं देते
दुनिया को देखिए ज़रा आँखें तो खोलिए
चेहरे पे मेरे रंग परेशानियों का है
बे-हिस ओ कज-फ़हम ओ ला-परवा कहे
बदन में जाग उठी कपकपाहटें कैसी
बात बे-शक न करें आप इधर देखें तो
आँखें हैं सुर्ख़ होंट सियह रंग ज़र्द है
आँखें हैं सुर्ख़ होंट सियह रंग ज़र्द है
आँख बरसी है तिरे नाम पे सावन की तरह