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उस बुत को दिल दिखा के कलेजा दिखा दिया - मुंशी खैराती लाल शगुफ़्ता कविता - Darsaal

उस बुत को दिल दिखा के कलेजा दिखा दिया

उस बुत को दिल दिखा के कलेजा दिखा दिया

अस्बाब अपनी ज़ात का सारा दिखा दिया

हम ने तुम्हारी बात पे दिखला के आइना

मा'शूक़ ख़ूब-रू तुम्हें तुम सा दिखा दिया

मुश्ताक़-ए-दिल हुआ जो वो मय-नोश बज़्म में

मैं ने उठा के हाथ में शीशा दिखा दिया

हम ने भी उन को उन की तरह छेड़-छाड़ में

रोना दिखा दिया कभी हँसना दिखा दिया

ओ बहर-ए-हुस्न गिर्या-ए-बेहद के लुत्फ़ से

सौ बार मुझ को अश्क का दरिया दिखा दिया

हम ने 'शगुफ़्ता' उस बुत-ए-काफ़िर को प्यार में

अपना समझ के माल पराया दिखा दिया

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In Hindi By Famous Poet Munshi Khairati Laal Shagufta. is written by Munshi Khairati Laal Shagufta. Complete Poem in Hindi by Munshi Khairati Laal Shagufta. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.