अपने शहर के लिए दुआ
ऐ शहर-ए-बे-मिसाल तिरे बाम-ओ-दर की ख़ैर
ऐ हुस्न-ए-ला-ज़वाल तिरे बाम-ओ-दर की ख़ैर
देखे हैं तू ने दूर बहुत आसमान के
बीते हैं तुझ पे अहद बहुत इम्तिहान के
ऐ क़र्या-ए-जलाल तिरे बाम-ओ-दर की ख़ैर
इक दास्ताँ है साथ तिरे रंग-ओ-नूर की
यादें हैं तेरे साथ बहुत दूर दूर की
ख़्वाब-ए-शब-ए-जमाल तिरे बाम-ए-दर की ख़ैर
तस्ख़ीर तुझ को कौन करेगा जहान में
तू है ख़ुदा और उस के नबी की अमान में
लाहौर-ए-पुर-कमाल तिरे बाम-ओ-दर की ख़ैर
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