मुनीर नियाज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुनीर नियाज़ी (page 6)
नाम | मुनीर नियाज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Muneer Niyazi |
जन्म की तारीख | 1923 |
मौत की तिथि | 2006 |
जन्म स्थान | Lahore |
जादूगर
जादू का खेल
इशारे
इन लोगों से ख़्वाबों में मिलना ही अच्छा रहता है
हुस्न में गुनाह की ख़्वाहिश
हक़ीक़त
हमेशा देर कर देता हूँ
गुज़रगाह पर तमाशा
एक लड़की
इक और घर भी था मिरा
दुश्मनों के दरमियान शाम
दूरी
देखने वाले की उलझन
डराए गए शहरों के बातिन
छै रंगीं दरवाज़े
बेबसी
बाज़गश्त
अपने घर में
अब मैं उसे याद बना देना चाहता हूँ
आमद-ए-शब
आख़िरी उम्र की बातें
ज़ोर पैदा जिस्म ओ जाँ की ना-तवानी से हुआ
ज़िंदा रहें तो क्या है जो मर जाएँ हम तो क्या
ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ
ये आँख क्यूँ है ये हाथ क्या है
वो जो मेरे पास से हो कर किसी के घर गया
वक़्त से कहियो ज़रा कम कम चले
उस सम्त मुझ को यार ने जाने नहीं दिया
उस का नक़्शा एक बे-तरतीब अफ़्साने का था
उन से नयन मिला के देखो