वक़्त एक कहानी-कार
वक़्त सब से बड़ा कहानी-कार
जो अज़ल से हर चेहरे पर
आफ़ाक़ी कहानियाँ लिख कर
चेहरों को लम्हा-ब-लम्हा दास्ताँ करने में मसरूफ़
एक कहानी की तकमील के लिए
अन-गिनत किरदार आसमान से उतरते हैं
सियाह ओ सफ़ेद साअतों की बारिश में भीगते कोरे चेहरों पर
वक़्त सज़ा जज़ा की ऐसी ला-ज़वाल कहानियाँ तहरीर करता है
कि कितने ही चेहरे काएनात के इबरत-कदे में
आवेज़ां होते हैं
और कितने ही रौशनियों के इस्तिआरे बनते हैं
वक़्त के पास
आसमान से उतरती कहानियों के
अन-गिनत ढेर लगे पड़े हैं
जिन्हें लिख कर उसे
चेहरों की कितनी ही अधूरी किताबें मुकम्मल करनी हैं
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