ज़िंदगी की कहानी में
एक ऐसा भी किरदार निभाएँ
कि कासा-ए-जाँ में ऐसी ख़ैरात मिले
कि हम अंदर से सँवर जाएँ
और अन-गिनत होंटों के ग़ारों में
हमारे नाम से
दुआओं के इतने दीप जलें
कि हमारे मुक़द्दर के जहाँ में
घात लगाए तारीकियों के लश्कर
रौशनी को सज्दा कर के
अपनी हार का एलान करें