है सोज़-ए-ग़म को गर्मी-ए-बाज़ार की तलाश
है सोज़-ए-ग़म को गर्मी-ए-बाज़ार की तलाश
इस जिंस को है अपने ख़रीदार की तलाश
काफ़िर की जुस्तुजू है न दीं-दार की तलाश
है एक जज़्ब-ए-ग़म के परस्तार की तलाश
आवारगी-ए-चश्म-ए-तजस्सुस अबस नहीं
करती है अपने मरकज़-ए-दीदार की तलाश
जूया गुनाहगार है लुत्फ़-ए-करीम का
लुत्फ़-ए-करीम को है गुनहगार की तलाश
क्या जाने शाख़ शाख़ ने क्या गुल खिलाए हैं
है आशियाँ को बर्क़-ए-शरर-बार की तलाश
वारफ़्ता-ए-जुनून का है मुद्दआ' कुछ और
सहरा की जुस्तुजू है न गुलज़ार की तलाश
पुरसाँ कोई भी आज 'मुनव्वर' मिरा नहीं
मुझ ग़म-ज़दा को है किसी ग़म-ख़्वार की तलाश
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