दिल में तेरे ख़याल की ख़ुश्बू
दिल में तेरे ख़याल की ख़ुश्बू
हिज्र में है विसाल की ख़ुश्बू
दिल के जज़्बे जवान रखती है
तेरे हुस्न-ओ-जमाल की ख़ुश्बू
काश तेरे जवाब से आए
मेरे हर इक सवाल की ख़ुश्बू
काश तुझ को भी हो कभी महसूस
मेरे ना-गुफ़्ता हाल की ख़ुश्बू
मुझ को अपने ज़वाल में से भी
आ रही है कमाल की ख़ुश्बू
हम फ़क़ीरों से दूर रहती है
हशमत-ओ-जाह-ओ-माल की ख़ुश्बू
फूल से आ रही है जो सब को
अस्ल में है निहाल की ख़ुश्बू
एक पौदे के फूल हैं लेकिन
है जुदा डाल डाल की ख़ुश्बू
है 'मुनव्वर' तुम्हारे होंटों में
इक परी-रुख़ के ख़ाल की ख़ुश्बू
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