Ghazals of Munawwar Aziz
नाम | मुनव्वर अज़ीज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Munawwar Aziz |
उसे भी हाथ मलते देखना है
इस्म सारे भूल बैठा शो'बदा-गर किस तरह
देर तक इक साया-ए-अब्र गुमाँ देखा हुआ
बिखेरूँ रंग ख़ुशबू को मसल दूँ
अभी रुत को बदलते देखना है
आइना भी आइना-गर से उलझता रह गया
आइना भी आईना-गर से उलझता रह गया