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तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही - मुमताज़ मज़ी कविता - Darsaal

तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही

तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही

सारी दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही

एक वादा करो अब हम से न बिछड़ोगे कभी

नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही

बे-वफ़ा भी हो सितमगर भी जफ़ा-पेशा भी

हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही

राह तारीक है और दूर है मंज़िल लेकिन

दर्द की शमएँ जला लेंगे तुम आओ तो सही

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In Hindi By Famous Poet Mumtaz Mazi. is written by Mumtaz Mazi. Complete Poem in Hindi by Mumtaz Mazi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.