Ghazals of Mukhtar Hashmi
नाम | मुख़्तार हाशमी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Mukhtar Hashmi |
शब-ए-ग़म मुख़्तसर सी हो गई है
सराब-ए-ज़ीस्त में सिमटा हुआ हूँ
साहिब-ए-ताज-ए-बसीरत हूँ मैं दीवाना सही
नज़र-नवाज़ है हुस्न-ए-ख़जिस्ता-पय अब भी
मुजरिम-ए-इश्क़ तलबगार-ए-मुआ'फ़ी तो नहीं
मिरा सोज़ भी तरन्नुम मिरी आह भी तराना
ख़ुद-पसंदाना तक़ाज़ों पर अगर जाएगी
ख़याल-ए-मर्ग बड़ी शय है ज़िंदगी के लिए
कभी किसी को न अहद-ए-वफ़ा का पास हुआ
हुस्न-ए-नज़्ज़ारा सही जल्वा-दर-आग़ोश सही
गुरेज़ाँ रंग-ओ-बू से दिल नहीं है
ग़म-ए-जानाँ में समो कर ग़म-ए-दौराँ हम ने
अमीन-ए-ग़ैरत-ए-उल्फ़त जो ज़िंदगी होगी