Ghazals of Muhammad Ayyub Zauqi
नाम | मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Muhammad Ayyub Zauqi |
वो नमाज़-ए-इश्क़ ही क्या जो सलाम तक न पहुँचे
वो नाम ज़हर का रख दें दवा तो क्या होगा
निगाह-ए-फ़ितरत में दर-हक़ीक़त वो ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं है
जुनूँ में मश्क़-ए-तसव्वुर बढ़ा रहा हूँ मैं
हम हिज्र की काली रातों में जब बिस्तर-ए-ख़्वाब पे जाते हैं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत न हुआ आम अभी तक
इक इंक़लाब-ए-मुसलसल है ज़िंदगी मेरी
दूर रह कर वतन की फ़ज़ा से जब भी अहबाब की याद आई
अजब बे-कैफ़ है रातों की तन्हाई कई दिन से