मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी
नाम | मुहम्मद अय्यूब ज़ौक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Muhammad Ayyub Zauqi |
वज्ह-ए-सुकूँ न बन सकीं हुस्न की दिल-नवाज़ियाँ
उन की निगाह-ए-लुत्फ़ की तासीर क्या कहूँ
उन्हें ख़ुदा का अमल शर्मसार कर देगा
तर्क-ए-तअल्लुक़ात का कुछ उन को ग़म नहीं
सोचा था उन से बात निभाएँगे उम्र भर
रास्ते में मिल गए तो पूछ लेते हैं मिज़ाज
रखते हैं जो अल्लाह की क़ुदरत पे भरोसा
ख़ुदा जाने ये सोज़-ए-ज़बत है या ज़ख़्म-ए-नाकामी
दुनिया के इस इबरत-ख़ाने में हालात बदलते रहते हैं
बाँधा था ख़ुद ही आप ने पैग़ाम-ए-इल्तिफ़ात
वो नमाज़-ए-इश्क़ ही क्या जो सलाम तक न पहुँचे
वो नाम ज़हर का रख दें दवा तो क्या होगा
निगाह-ए-फ़ितरत में दर-हक़ीक़त वो ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं है
जुनूँ में मश्क़-ए-तसव्वुर बढ़ा रहा हूँ मैं
हम हिज्र की काली रातों में जब बिस्तर-ए-ख़्वाब पे जाते हैं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत न हुआ आम अभी तक
इक इंक़लाब-ए-मुसलसल है ज़िंदगी मेरी
दूर रह कर वतन की फ़ज़ा से जब भी अहबाब की याद आई
अजब बे-कैफ़ है रातों की तन्हाई कई दिन से