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Mubeen Mirza Poetry In Hindi - Best Mubeen Mirza Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

मुबीन मिर्ज़ा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबीन मिर्ज़ा

मुबीन मिर्ज़ा  कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबीन मिर्ज़ा
नाममुबीन मिर्ज़ा
अंग्रेज़ी नामMubeen Mirza

मैं अपने आप लड़ूँगा समुंदरों से जंग

वो दिल हैराँ नहीं होते

वजूद का फैलाव

उस ख़्वाब में

तुझे अपने लिए

राग ज्ञान

प्यास

मोहब्बत रम्ज़-ए-हस्ती है

लम्हों के असरार

इदराक

एहसास

बे-अमाँ

अहल-ए-हुनर बेकार हुए

आज़ार

ज़मीं बिछा के अलग आसमाँ बनाऊँ कोई

ये मोहब्बत है इसे गर्मी-ए-बाज़ार न कर

यही तो दुख है ज़मीं आसमाँ बना कर भी

तिरी बज़्म से जो उठ कर तिरे जाँ-निसार आए

तिरा ग़म दिल पे इफ़्शा कर रहे हैं

साथियो जो अहद बाँधा है उसे तोड़ा न जाए

क़रीने ज़ीस्त में थे सोख़्ता-जानी से पहले

न आह करते हुए और न वाह करते हुए

मुझे जिस ने मेरा पता दिया वो ग़म-ए-निहाँ मिरे साथ है

मैं दिन भर पहले इस दुनिया की जौलानी में रहता हूँ

कुछ दर्द जगाए रखते हैं कुछ ख़्वाब सजाए रखते हैं

ख़ुशी से ज़ीस्त का हर दुख उठाए जाते हैं

कभी ख़ुदा कभी ख़ुद से सवाल करते हुए

जला दिया है कि इस ने बुझा दिया है मुझे

जानता हूँ अब यूँही बरबाद रक्खेगा मुझे

हर घड़ी इक सितम ईजाद किया है हम ने

Mubeen Mirza Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Mubeen Mirza including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Mubeen Mirza. Free Download all kind of Mubeen Mirza Poetry in PDF. Best of Mubeen Mirza Poetry in Hindi. Mubeen Mirza Ghazals and Inspirational Nazams for Students.