वारिस
नबुव्वत का सिलसिला ख़त्म हो चुका
रऊनत का सिलसिला जारी है
अब कोई ज़माना
किसी नबी का ज़माना नहीं
हर दौर
एक फ़िरऔन का दौर है
जिस के क़ब्ज़े में
क़ारून का ख़ज़ाना है
जिस ने
अंबिया की मीरास पर क़ब्ज़ा कर लिया है
उसे पहचानना मुश्किल नहीं
उस के पास
तौहीन रिसालत की तलवार है
जो उस पर ईमान न लाएँ
वो लापता हो जाते हैं
जो ईमान ले आएँ
उन्हें वो ख़िज़्र की तरह तलाश कर लेता है
नूह की तरह
उस की कश्ती में
हर-नौ का जानवर है
उस के महल में
सुलैमान का तख़्त बिछा है
मुख़ालिफ़ीन के लिए
उस के क़ैद-ख़ाने में
ईसा की सूली है
फ़रिश्तों का लश्कर उसे सज्दा करता है
क्यूँकि उस की बग़ल में
मूसा का असा है
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