Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_14f26a5030060753bf907423669a05b0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चितवन जो क़हर की है तो तेवर जलाल के - मुबारक अज़ीमाबादी कविता - Darsaal

चितवन जो क़हर की है तो तेवर जलाल के

चितवन जो क़हर की है तो तेवर जलाल के

मतलब ये है कि रख दे कलेजा निकाल के

वाइज़ से बहस-ए-बादा-ओ-पैमाना क्या करूँ

कुछ लोग रह गए हैं पुराने ख़याल के

सौ दाग़ जिन के लाए हैं ज़ेर-ए-मज़ार हम

एहसाँ जता रहे हैं वो दो फूल डाल के

फिर ढूँढता है दिल ख़लिश-ए-ख़ार-ए-आरज़ू

पछता रहा हूँ दिल से ये काँटा निकाल के

ये ग़म-कदा है इस में 'मुबारक' ख़ुशी कहाँ

ग़म को ख़ुशी बना कोई पहलू निकाल के

(489) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke In Hindi By Famous Poet Mubarak Azimabadi. Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke is written by Mubarak Azimabadi. Complete Poem Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke in Hindi by Mubarak Azimabadi. Download free Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke Poem for Youth in PDF. Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke is a Poem on Inspiration for young students. Share Chitwan Jo Qahr Ki Hai To Tewar Jalal Ke with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.