मुबारक अज़ीमाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबारक अज़ीमाबादी
नाम | मुबारक अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Mubarak Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1849 |
मौत की तिथि | 1958 |
जन्म स्थान | Patna |
ये तसर्रुफ़ है 'मुबारक' दाग़ का
ये घटा ऐसी घटा इतनी घटा
ये ग़म-कदा है इस में 'मुबारक' ख़ुशी कहाँ
उस गली में हज़ार ग़म टूटा
उधर चुटकी वो दिल में ले रहे हैं
तुम को समझाए मुबर्रक कोई क्यूँकर अफ़्सोस
तुम भूल गए मुझ को यूँ याद दिलाता हूँ
तेरी बख़्शिश के भरोसे पे ख़ताएँ की हैं
तिरी अदा की क़सम है तिरी अदा के सिवा
तौबा की रिंदों में गुंजाइश कहाँ
शिकस्त-ए-तौबा की तम्हीद है तिरी तौबा
समझाएँ किस तरह दिल-ए-ना-कर्दा-कार को
रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद
क़ुबूल हो कि न सज्दा ओ सलाम अपना
क़िबला-ओ-काबा ये तो पीने पिलाने के हैं दिन
क़यामत की हक़ीक़त जानता हूँ
क़दम क़दम पे ये कहती हुई बहार आई
फूल क्या डालोगे तुर्बत पर मिरी
फिर न दरमाँ का कभी नाम 'मुबारक' लेना
निकलना आरज़ू का दिल से मालूम
न मानोगे न मानोगे हमारी
मुझ को मालूम है अंजाम-ए-मोहब्बत क्या है
मोहब्बत में वफ़ा की हद जफ़ा की इंतिहा कैसी
मिलो मिलो न मिलो इख़्तियार है तुम को
मिरी ख़ाक भी उड़ेगी बा-अदब तिरी गली में
मेरी दुश्वारी है दुश्वारी मिरी
मेहरबानी चारासाज़ों की बढ़ी
मेहराब-ब-इबादत ख़म-ए-अबरू है बुतों का
मस्जिद की सर-ए-राह बिना डाल न ज़ाहिद
मैं तो हर हर ख़म-ए-गेसू की तलाशी लूँगा