मूसा रज़ा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मूसा रज़ा
नाम | मूसा रज़ा |
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अंग्रेज़ी नाम | Moosa Raza |
उन से इक़रार-ए-वफ़ा की आरज़ू करते रहे
तुम्हारी बज़्म में महरूम-ए-जाम हम भी थे
तुम मेरे साथ भी जुदा भी हो
पूछते हो मिरे अशआ'र में क्या रक्खा है
न वो हिज्र में रहीं तल्ख़ियाँ न वो लज़्ज़तें हैं विसाल में
मौज-ए-ख़ूँ जोश में थी अपने क़दम से पहले
ख़ुदा करे तो किसी राज़ का अमीं न बने
कभी वो दोस्त कभी फ़ित्ना-साज़ लगता है
कभी हुदूद से बाहर कभी वो हद में रहा
अपनी नज़र में आप को रुस्वा न कर सके