मोमिन ये असर सियाह-मस्ती का न हो
मोमिन ये असर सियाह-मस्ती का न हो
अंदेशा कभी बुलंद ओ पस्ती का न हो
तौहीद-ए-वजूदी में जो है कैफ़िय्यत
डरता हूँ कि हीला ख़ुद-परस्ती का न हो
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मोमिन ये असर सियाह-मस्ती का न हो
अंदेशा कभी बुलंद ओ पस्ती का न हो
तौहीद-ए-वजूदी में जो है कैफ़िय्यत
डरता हूँ कि हीला ख़ुद-परस्ती का न हो
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