किसी का हुआ आज कल था किसी का
न है तू किसी का न होगा किसी का
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1256) Peoples Rate This
सौदा था बला-ए-जोश पर रात
अगर ग़फ़लत से बाज़ आया जफ़ा की
तुम मिरे पास होते हो गोया
दीदा-ए-हैराँ ने तमाशा किया
पैहम सुजूद पा-ए-सनम पर दम-ए-विदा
अफ़सोस शिकायत-ए-निहानी न गई
हुई तासीर आह-ओ-ज़ारी की
वादा-ए-वस्लत से दिल हो शाद क्या
क्यूँ ज़र्द है रंग किस लिए आँसू लाल
दुश्नाम-ए-यार तब्-ए-हज़ीं पर गिराँ नहीं
शोख़ कहता है बे-हया जाना
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह