बहर-ए-अयादत आए वो लेकिन क़ज़ा के साथ
दम ही निकल गया मिरा आवाज़-ए-पा के साथ
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Habib Jalib
Wasi Shah
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(730) Peoples Rate This
डर तो मुझे किस का है कि मैं कुछ नहीं कहता
महशर में पास क्यूँ दम-ए-फ़रियाद आ गया
है कुछ तो बात 'मोमिन' जो छा गई ख़मोशी
ताब-ए-नज़्ज़ारा नहीं आइना क्या देखने दूँ
एजाज़-ए-जाँ-दही है हमारे कलाम को
तुम हमारे किसी तरह न हुए
अब शोर है मिसाल-ए-जुदी इस ख़िराम को
किस पे मरते हो आप पूछते हैं
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
हाथ टूटें मैं ने गर छेड़ी हों ज़ुल्फ़ें आप की
मैं अगर आप से जाऊँ तो क़रार आ जाए