Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_904acfa2f620f079c30d0c5a8fae6c35, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सवाल उस से हमारा कहाँ निबाह का है - मोईन निज़ामी कविता - Darsaal

सवाल उस से हमारा कहाँ निबाह का है

सवाल उस से हमारा कहाँ निबाह का है

मुतालिबा है मगर सिर्फ़ इक निगाह का है

हमेश्गी के मरासिम तो दिल को रास नहीं

इलाज इस का वही रब्त गाह गाह का है

मैं दीन-ए-इश्क़ में तौहीद का जो क़ाइल हूँ

तो मोजज़ा ये तिरे हुस्न-ए-बे-पनाह का है

विसाल-ओ-हिज्र से मैं किस का इंतिख़ाब करूँ

यहाँ पे ख़ुद से मुझे ख़ौफ़ इश्तिबाह का है

ख़बर नहीं है अभी उस की कम-निगाही को

कि एक मरहला ख़ुद ये भी रस्म-ओ-राह का है

मोअर्रिख़ों को किसी और पर न शक गुज़रे

कि मुझ को मारने वाला मिरी सिपाह का है

(893) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai In Hindi By Famous Poet Moin Nizaamii. Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai is written by Moin Nizaamii. Complete Poem Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai in Hindi by Moin Nizaamii. Download free Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai Poem for Youth in PDF. Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Sawal Us Se Hamara Kahan Nibah Ka Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.