मुईन अहसन जज़्बी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुईन अहसन जज़्बी (page 3)
नाम | मुईन अहसन जज़्बी |
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अंग्रेज़ी नाम | Moin Ahsan Jazbi |
जन्म की तारीख | 1912 |
मौत की तिथि | 2005 |
हम दहर के इस वीराने में जो कुछ भी नज़ारा करते हैं
ग़मों की दुनिया को रौंद डालें नशात-ए-दिल पाएमाल कर लें
ग़म की तस्वीर बन गया हूँ मैं
फ़ुज़ूल राज़ मोहब्बत का सब छुपाते हैं
फ़ज़ा-ए-शब में सितारे हज़ार गुज़रे हैं
दिल सर्द हो तो वा लब-ए-गुफ़्तार क्या करें
दिल में कुछ सोज़-ए-तमन्ना के निशाँ मिलते हैं
दाना-ए-ग़म न महरम-ए-राज़-ए-हयात हम
दाग़-ए-ग़म दिल से किसी तरह मिटाया न गया
चमन में थे जो चमन ही की दास्तान सुनते
बीते हुए दिनों की हलावत कहाँ से लाएँ
अपनी निगाह-ए-शौक़ को रुस्वा करेंगे हम
ऐश से क्यूँ ख़ुश हुए क्यूँ ग़म से घबराया किए
ऐ ग़ैरत-ए-ग़म आँख मिरी नम तो नहीं है
आह भी इक कोशिश-ए-नाकाम है मेरे लिए