मुईन अहसन जज़्बी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुईन अहसन जज़्बी (page 2)
नाम | मुईन अहसन जज़्बी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Moin Ahsan Jazbi |
जन्म की तारीख | 1912 |
मौत की तिथि | 2005 |
तवहहुम
मुतरबा
मेरी शायरी और नक़्क़ाद
मेरे सिवा
मौत
ख़्वाब-ए-हस्ती
गुल
फ़ितरत एक मुफ़लिस की नज़र में
चश्म-ए-सवाल!
बड़े नाज़ से आज उभरा है सूरज
आज़ार
वही कसीफ़ घटाएँ वही भयानक रात
उदासियों के सिवा दिल की ज़िंदगी क्या है
तुझ से नज़र मिला कर दीवाना हो गया मैं
तुझी से दाद-ए-वहशत लें तुझी को मेहरबाँ कर लें
शिकवा ज़बान से न कभी आश्ना हुआ
शरीक-ए-महफ़िल-ए-दार-ओ-रसन कुछ और भी हैं
शमीम-ए-ज़ुल्फ़ ओ गुल-ए-तर नहीं तो कुछ भी नहीं
सर्व-ओ-समन भी मौज-ए-नसीम-ए-सहर भी है
फिर इशरत-ए-साहिल याद आई फिर शोरिश-ए-तूफ़ाँ भूल गए
न कोई आह न कोई ख़लिश न दर्द न ग़म
मिले मुझ को ग़म से फ़ुर्सत तो सुनाऊँ वो फ़साना
मरने की दुआएँ क्यूँ माँगूँ जीने की तमन्ना कौन करे
कूचा-ए-यार में अब जाने गुज़र हो कि न हो
कितनी बुलंदियों पे सर-ए-दार आए हैं
कितनी बुलंदियों पे सर-ए-दार आए हैं
जब कभी किसी गुल पर इक ज़रा निखार आया
इस बुत के हर फ़रेब पे क़ुर्बान से रहे
इंतिहा-ए-ग़म में मुझ को मुस्कुराना आ गया
हम एक ख़्वाब लिए माह ओ साल से गुज़रे