Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_57beae847e9dcc1d97191114a04d6eb4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मुझे अब डर नहीं लगता - मोहसिन नक़वी कविता - Darsaal

मुझे अब डर नहीं लगता

किसी के दूर जाने से

तअ'ल्लुक़ टूट जाने से

किसी के मान जाने से

किसी के रूठ जाने से

मुझे अब डर नहीं लगता

किसी को आज़माने से

किसी के आज़माने से

किसी को याद रखने से

किसी को भूल जाने से

मुझे अब डर नहीं लगता

किसी को छोड़ देने से

किसी के छोड़ जाने से

ना शम्अ' को जलाने से

ना शम्अ' को बुझाने से

मुझे अब डर नहीं लगता

अकेले मुस्कुराने से

कभी आँसू बहाने से

ना इस सारे ज़माने से

हक़ीक़त से फ़साने से

मुझे अब डर नहीं लगता

किसी की ना-रसाई से

किसी की पारसाई से

किसी की बेवफ़ाई से

किसी दुख इंतिहाई से

मुझे अब डर नहीं लगता

ना तो इस पार रहने से

ना तो उस पार रहने से

ना अपनी ज़िंदगानी से

ना इक दिन मौत आने से

मुझे अब डर नहीं लगता

(12822) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Mujhe Ab Dar Nahin Lagta In Hindi By Famous Poet Mohsin Naqvi. Mujhe Ab Dar Nahin Lagta is written by Mohsin Naqvi. Complete Poem Mujhe Ab Dar Nahin Lagta in Hindi by Mohsin Naqvi. Download free Mujhe Ab Dar Nahin Lagta Poem for Youth in PDF. Mujhe Ab Dar Nahin Lagta is a Poem on Inspiration for young students. Share Mujhe Ab Dar Nahin Lagta with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.