Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_984d3838238963940b685bb7738e7c34, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी - मोहसिन नक़वी कविता - Darsaal

ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी

ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी

इस दश्त में इक शहर था वो क्या हुआ आवारगी

कल शब मुझे बे-शक्ल की आवाज़ ने चौंका दिया

मैं ने कहा तू कौन है उस ने कहा आवारगी

लोगो भला इस शहर में कैसे जिएँगे हम जहाँ

हो जुर्म तन्हा सोचना लेकिन सज़ा आवारगी

ये दर्द की तन्हाइयाँ ये दश्त का वीराँ सफ़र

हम लोग तो उक्ता गए अपनी सुना आवारगी

इक अजनबी झोंके ने जब पूछा मिरे ग़म का सबब

सहरा की भीगी रेत पर मैं ने लिखा आवारगी

उस सम्त वहशी ख़्वाहिशों की ज़द में पैमान-ए-वफ़ा

उस सम्त लहरों की धमक कच्चा घड़ा आवारगी

कल रात तन्हा चाँद को देखा था मैं ने ख़्वाब में

'मोहसिन' मुझे रास आएगी शायद सदा आवारगी

(3902) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi In Hindi By Famous Poet Mohsin Naqvi. Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi is written by Mohsin Naqvi. Complete Poem Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi in Hindi by Mohsin Naqvi. Download free Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi Poem for Youth in PDF. Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Dil Ye Pagal Dil Mera Kyun Bujh Gaya Aawargi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.