किरदार

देखो, हम सब एक सफ़ेद कँवल पर

टेक लगाए तैर रहे हैं

और महसूस ये करते हैं कि हम ने ख़ुद को

नाफ़-ए-ज़मीं से मज़बूती से बाँध रखा है

अपनी हर ख़्वाहिश को हम ने

क़त्ल किया है

ताकि दिल में कोई तमन्ना सर न उठाने पाए

ज़ेहन में कोई नया ख़याल अगर दर आता है

तो हम इस पर

ख़ुद अपने हाथों चूना कर देते हैं

कोई रौज़न

ताज़ा हवा के फांकने को गर खुलता है

तो कीचड़ से भर देते हैं

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Kirdar In Hindi By Famous Poet Mohsin Ehsan. Kirdar is written by Mohsin Ehsan. Complete Poem Kirdar in Hindi by Mohsin Ehsan. Download free Kirdar Poem for Youth in PDF. Kirdar is a Poem on Inspiration for young students. Share Kirdar with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.