छुपे हुए थे जो दिल में वो डर पुराने थे
छुपे हुए थे जो दिल में वो डर पुराने थे
कि रास्ते थे नए हम-सफ़र पुराने थे
मैं उड़ रहा था फ़ज़ा में इक एहतियात के साथ
मुझे ख़बर थी मिरे बाल-ओ-पर पुराने थे
तमाम-शहर नई रौशनी में था मल्बूस
मगर घरों के सभी बाम-ओ-दर पुराने थे
मुझे तलाश हमेशा नए चराग़ों की थी
कि आसमानों के शम्स-ओ-क़मर पुराने थे
थी जिन की लौ से दयार-ए-सुख़न में ताबानी
वो ताक़ ताक़ चराग़-ए-हुनर पुराने थे
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