मैं लफ़्ज़ों के असर का मो'जिज़ा हूँ

मैं लफ़्ज़ों के असर का मो'जिज़ा हूँ

मुझे देखो मुजस्सम इक दुआ हूँ

मैं छोटों में बहुत छोटा हूँ लेकिन

बड़ों के दरमियाँ सब से बड़ा हूँ

तलाश-ए-रिज़्क़ में निकला था घर से

अब अपने आप को मैं ढूँढता हूँ

अता कर हौसले को इस्तक़ामत

मिरे माबूद तन्हा रह गया हूँ

मिरे अल्फ़ाज़ हैं आवाज़ 'मोहसिन'

मैं नग़्मा हूँ अगरचे बे-सदा हूँ

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Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun In Hindi By Famous Poet Mohsin Bhopali. Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun is written by Mohsin Bhopali. Complete Poem Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun in Hindi by Mohsin Bhopali. Download free Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun Poem for Youth in PDF. Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Lafzon Ke Asar Ka Moajiza Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.