अज़्मत-ए-फ़न के परस्तार हैं हम

अज़्मत-ए-फ़न के परस्तार हैं हम

ये ख़ता है तो ख़ता-वार हैं हम

जोहद की धूप है ईमान अपना

मुंकिर-ए-साया-ए-दीवार हैं हम

जानते हैं तिरे ग़म की क़ीमत

मानते हैं कि गुनहगार हैं हम

उस को चाहा था कभी ख़ुद की तरह

आज ख़ुद अपने तलबगार हैं हम

अहल-ए-दुनिया से शिकायत न रही

वो भी कहते हैं ज़ियाँ-कार हैं हम

कोई मंज़िल है न जादा 'मोहसिन'

सूरत-ए-गर्दिश-ए-परकार हैं हम

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Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum In Hindi By Famous Poet Mohsin Bhopali. Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum is written by Mohsin Bhopali. Complete Poem Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum in Hindi by Mohsin Bhopali. Download free Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum Poem for Youth in PDF. Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum is a Poem on Inspiration for young students. Share Azmat-e-fan Ke Parastar Hain Hum with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.