काँटों पे चल रहा हूँ मोहब्बत की राह में

काँटों पे चल रहा हूँ मोहब्बत की राह में

किस हुस्न की बहार है मेरी निगाह में

दुनिया गुनाहगार है तेरी निगाह में

ज़ाहिद है तेरा ज़ो'म भी दाख़िल गुनाह में

ज़र्रों में क्या नहीं है जो है मेहर-ओ-माह में

पस्ती निगाह में है बुलंदी निगाह में

दीवानगान-ए-इश्क़ को दुनिया की क्या ख़बर

दुनिया को छोड़ आए कहीं गर्द-ए-राह में

हर मंज़िल-ए-हयात से गुज़रा चला गया

हर मरहले पे आप थे मेरी निगाह में

कौनैन में समाए न 'आरिफ़' वो हुस्न जब

किस का है ज़र्फ़ रख सके उस को निगाह में

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KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein In Hindi By Famous Poet Mohammad Usmaan Arif. KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein is written by Mohammad Usmaan Arif. Complete Poem KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein in Hindi by Mohammad Usmaan Arif. Download free KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein Poem for Youth in PDF. KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein is a Poem on Inspiration for young students. Share KanTon Pe Chal Raha Hun Mohabbat Ki Rah Mein with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.