मोहम्मद उस्मान आरिफ़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद उस्मान आरिफ़
नाम | मोहम्मद उस्मान आरिफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Usmaan Arif |
ये मोहब्बत का सिला था इश्क़ का अंजाम था
तसव्वुर में ये कौन आया ज़बाँ पर किस का नाम आया
रह गई वो निगाह-ए-नाज़ क़ल्ब ओ जिगर में बैठ कर
फूलों की चाँद तारों की महफ़िल फ़रेब है
मुझ पर तिरी नज़रों का जो एहसाँ नहीं होता
काँटों पे चल रहा हूँ मोहब्बत की राह में
कमाल-ए-इश्क़ में सोज़-ए-निहाँ बाक़ी नहीं रहता
इसी सूरत से तस्कीन-ए-दिल-ए-नाशाद करते हैं
हुस्न-ओ-उलफ़त साथ हैं आग़ाज़ से अंजाम तक
हुस्न की जितनी बढ़ीं रानाइयाँ
हिज्र की बे-ताबियाँ थीं हसरतों का जोश था
देखा था किस नज़र से तुम ने हँसी हँसी में
बाक़ी है वही शोख़ी-ए-गुफ़्तार अभी तक
बहर-ए-हस्ती से भी जी घबरा गया
बहर-ए-हस्ती से भी जी घबरा गया