Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e60d0a56d818c26c166696e854722643, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बहुत से रास्तों में तू ने जो रस्ता चुना था - मोहम्मद इज़हारुल हक़ कविता - Darsaal

बहुत से रास्तों में तू ने जो रस्ता चुना था

बहुत से रास्तों में तू ने जो रस्ता चुना था

फ़रिश्ते आज तक हैरत में हैं कैसा चुना था

बहुत से शहर रहने के लिए हाज़िर थे लेकिन

हमेशा ज़िंदा रहने के लिए सहरा चुना था

जो पीछे आ रहे थे उन से तू ग़ाफ़िल नहीं था

कि तू ने रास्ते का एक इक काँटा चुना था

जहाँ में कौन था दोश-ए-नबी जिस का था मुरक्कब

इसी ख़ातिर बरहना-पाई ने तुझ सा चुना था

ज़माना जानता है कौन था जो पार उतरा

कि तू ने प्यास और दरबार ने दरिया चुना था

(558) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha In Hindi By Famous Poet Mohammad Izhar Ul Haq. Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha is written by Mohammad Izhar Ul Haq. Complete Poem Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha in Hindi by Mohammad Izhar Ul Haq. Download free Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha Poem for Youth in PDF. Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Bahut Se Raston Mein Tu Ne Jo Rasta Chuna Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.