मोहम्मद अज़हर शम्स कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद अज़हर शम्स
नाम | मोहम्मद अज़हर शम्स |
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अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Azhar Shams |
तरक़्क़ी का वो दा'वा कर रहा है
तजल्लियों से अँधेरों की जंग जारी है
शाख़-ए-गुलशन पे था जो ठिकाना गया
क़ातिल है जो मेरा वही अपना सा लगे है
मैं दूर हो के भी उस से जुदा नहीं होता
कल आज से बेहतर हो आओ ये दुआ माँगें
दूर बैठे हैं क्यूँ पास तो आइए