ये घर सजाया है तुम ने जनाब किस के लिए
ये घर सजाया है तुम ने जनाब किस के लिए
ये ख़ार किस के लिए हैं गुलाब किस के लिए
अगर है प्यास बुझानी तो जुस्तुजू भी करो
बचा के किस ने रखी है शराब किस के लिए
किताब-ए-ज़ीस्त को यकजा करूँ तो कैसे करूँ
ये बाब किस के लिए है वो बाब किस के लिए
जहाँ में कोई भी अहल-ए-नज़र नहीं मिलता
अगर करूँ भी तो चेहरा किताब किस के लिए
सवाल आज भी ये ला-जवाब है 'असलम'
हुआ है दिल मिरा ख़ाना-ख़राब किस के लिए
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