मिस्टर-च्युंगम

इन से मिलिए

ये हैं मिस्टर-च्युंगम

मुँह में अपने रख लो इन को

दाँतों से फिर कुचलो इन को

चख लो पर न निगलो इन को

चखने से न होंगे कम

ये हैं मिस्टर-च्युंगम

बच्चे बड़े इन के दीवाने

चले हैं सारे इन को खाने

जान के बनते ये अनजाने

इन को कोई नहीं है ग़म

ये हैं मिस्टर-च्युंगम

लाल हरे और पीले हैं

कपड़े भी भड़कीले हैं

नट-खट छैल-छबीले हैं

मज़ा है इन का या सरगम

ये हैं मिस्टर-च्युंगम

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