सर्कस
शहर में सर्कस आया है
खेल तमाशे लाया है
हाथी ऊँट और घोड़े हैं
सब ही यूँ तो भगोड़े हैं
सब को पकड़ कर लाया है
शहर में सर्कस आया है
उड़ती उछलती कार भी है
खेलों की भर-मार भी है
सारे खिलाड़ी और जोकर
तार पे चलते हैं सरसर
शहर उमड कर आया है
शहर में सर्कस आया है
शेर भी है और बकरी भी
कुत्तों की इक टोली भी
एक बड़ा सा भालू है
कुछ उस के हम-जोली भी
भान-मती का कुम्बा है
जो सर्कस ने जोड़ा है
हाथी पूजा-पाठ करे
बंदर बंदर-बाँट करे
भालू नाच दिखाता है
तोता तोप चिल्लाता है
सभी दिखाते हैं कर्तब
जोकर अब गिरा या तब
सब के मन को भाया है
शहर में सर्कस आया है
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