छुट्टी का ज़माना
स्कूल बंद हैं सब अब सैर को है जाना
लिखना है अब न पढ़ना बस छुट्टियाँ मनाना
बस्ता किताब कापी सब छुट्टियाँ मनाएँ
बार-ए-गिराँ से इन के हम भी नजात पाएँ
बस्ते में जो बंधा है उस को जहाँ में देखें
क्या क्या कहाँ छुपा है आओ पता लगाएँ
सुनते हैं कुछ अजब है दुनिया का कार-ख़ाना
लिखना है अब न पढ़ना बस छुट्टियाँ मनाना
आओ सुनें कहानी कोई नई पुरानी
नानी सुनाएँ या फिर दादी की हो ज़बानी
इक राक्षस भी आए हो ख़ूब खींचा-तानी
ऐसी लड़ाई हो कि आ जाए याद नानी
फिर ख़ात्मा में आ कर दुश्मन का हार जाना
लिखना है अब न पढ़ना बस छुट्टियाँ मनाना
बस खेलने की ख़ातिर ये छुट्टियाँ मिली हैं
हर-सू खिलाड़ियों की कुछ टोलियाँ बनी हैं
लहरा रहे हैं बल्ले गेंदें उछल रही हैं
फूटबाल की भी टीमें मैदाँ में आ गई हैं
तगड़ा मुक़ाबला है कुछ कर के है दिखाना
लिखना है अब न पढ़ना बस छुट्टियाँ मनाना
हर सम्त हर डगर पर छुट्टी का राज क़ाएम
आँखों में झिलमिलाते हैं सैर के अज़ाएम
जी चाहता है सदियों ज़िंदा रहें यहाँ हम
क़ाएम रहे ये छुट्टी दाइम रहे ये मौसम
बस सोच ही तो है ये मुमकिन नहीं ये माना
लिखना है अब न पढ़ना बस छुट्टियाँ मनाना
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