मोहम्मद अनवर ख़ालिद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद अनवर ख़ालिद
नाम | मोहम्मद अनवर ख़ालिद |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Anvar Khalid |
ज़िंदगी
ज़बाँ पर ज़ाइक़ा दो पानियों का है
ये शहर तमाम अंदोह में है
ये कैसे लोग हैं
ये घर जल कर गिरेगा
ये इक दोहरी अज़िय्यत है
ये अच्छे लोग हैं
ये आँखें
यख़-ज़दा उँगलियाँ
वो अपने हाथ में दुनिया की तहज़ीबें उठाए आएगी
वो आँखें कँवल बनीं
उस से कह दो
थे गिफ़्ट ऑफ़ मैगी
शहर में
समुंदर की मेहरबानी
सलीब गिर पड़ी
साअ'त-ए-आग़ाज़ की बे-मानविय्यत
मुसलसल चलते रहने की ख़ुशी में
मॉन्सटर
ख़राबी है मोहब्बत में
ख़ाना-ब-दोशों का गीत
ज्योतिषी दिन महीनों का क़िस्सा सुनो
जो यूँ होता तो क्या होता
जी डरता है
इस छालिया के पेड़ के नीचे
हुजूम
फ़ना के लिए एक नज़्म
एक इत्तिफ़ाक़ी मौत की रूदाद
दरिया-ए-चार्ल्स के किनारे एक नज़्म
बे-इरादा ज़ीस्त कीजे