Ghazals of Mohammad Ali Sahil
नाम | मोहम्मद अली साहिल |
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अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Ali Sahil |
जन्म की तारीख | 1964 |
जन्म स्थान | Ambala, Haryana |
तू अगर बा-उसूल हो जाए
तिरी सूरत मुझे बताती है
राह-ए-हक़ में तुझे हस्ती को मिटाना होगा
मज़ाक़-ए-ग़म उड़ाना अब मुझे अच्छा नहीं लगता
जुस्तुजू तेरी तरह ग़म तिरी क़ुर्बत क्या है
जतन करता तो हूँ लेकिन ये बीमारी नहीं जाती
होश खो कर जोश में कुछ इस तरह मैं बह गया
ग़ुर्बत का अब मज़ाक़ उड़ाने लगे हैं लोग
बुज़-दिली तो वो कर नहीं सकता
ऐसा नहीं सलाम किया और गुज़र गए
अब हक़ीक़त लग रहा है मेरा अफ़्साना मुझे