Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_854bfdb24f1282f83b763ad0fb67bc27, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मिरे वजूद से आती है इक सदा मुझ को - मोहम्मद अली असर कविता - Darsaal

मिरे वजूद से आती है इक सदा मुझ को

मिरे वजूद से आती है इक सदा मुझ को

कि मेरे जिस्म से कर दे कोई जुदा मुझ को

मिरी तलाश का हासिल फ़क़त तहय्युर है

मैं खो गया हूँ कहाँ ख़ुद नहीं पता मुझ को

मैं अपने जिस्म के अंदर सिमट के बैठा हूँ

बुला रहा है कहीं दूर से ख़ुदा मुझ को

मैं तुझ को देखूँ मगर गुफ़्तुगू न कर पाऊँ

ख़ुदा के वास्ते ऐसी न दे सज़ा मुझ को

वो लहजा अब भी तसव्वुर में गूँजता है 'असर'

वो चेहरा अब भी दिखाता है आईना मुझ को

(547) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko In Hindi By Famous Poet Mohammad Ali Asar. Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko is written by Mohammad Ali Asar. Complete Poem Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko in Hindi by Mohammad Ali Asar. Download free Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko Poem for Youth in PDF. Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko is a Poem on Inspiration for young students. Share Mere Wajud Se Aati Hai Ek Sada Mujhko with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.