पैहम उदासियों से बयाबाँ है ज़िंदगी
पैहम उदासियों से बयाबाँ है ज़िंदगी
दिल में बहार हो तो गुलिस्ताँ है ज़िंदगी
ऐ इंतिहा-ए-कश्मकश-ए-शेख़-ओ-बरहमन
हिन्दू है ज़िंदगी न मुसलमाँ है ज़िंदगी
बे-चैनियों में ग़र्क़ है सरमाया-ए-हयात
ताबीर-हा-ए-ख़्वाब-ए-परेशाँ है ज़िंदगी
है मौत इख़्तिताम परेशानियों का नाम
जब तक ये ज़िंदगी है परेशाँ है ज़िंदगी
ग़ाफ़िल नहीं तो क्यूँ नहीं अंजाम पर नज़र
हर लहज़ा हर-नफ़स जो गुरेज़ाँ है ज़िंदगी
हैं मुख़्तलिफ़ फ़साना-ए-हस्ती की सुर्ख़ियाँ
पिन्हाँ कहीं कहीं पे नुमायाँ है ज़िंदगी
नज़्ज़ारा-ए-जमाल से ग़श हूँ मैं ऐ 'सफ़ीर'
बेहोश मुझ को देख के हैराँ है ज़िंदगी
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