Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_16942d466cb3b9343b1bde768419a9dd, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वही मदार-ए-तमन्ना वही सितारा-ए-दिल - मोहम्मद अाज़म कविता - Darsaal

वही मदार-ए-तमन्ना वही सितारा-ए-दिल

वही मदार-ए-तमन्ना वही सितारा-ए-दिल

फ़रेब-ख़ुर्दा-ए-माज़ी-ओ-हाल-ओ-मुस्तक़बिल

तिलिस्म-ख़ाना-ए-हसरत में गर्दिशें कब तक

वो इस्म दे कि हो आसेब-ए-जुस्तुजू बातिल

दिल-ए-कुशादा में मेरे हो अंजुमन-आरा

अदू ब-रंग-ए-कुदूरत जहाँ न हो दाख़िल

हज़ार शोला लपकती है आरज़ू अब भी

मिरे लहू से चराग़ाँ है कूचा-ए-क़ातिल

रह-ए-वफ़ा के मुसाफ़िर की बेबसी मत पूछ

हमें उठाए हुए चल रही है ख़ुद मंज़िल

ख़ुशी की बात भी अब सोगवार करती है

वो मेहरबान भी अब हो तो इस से क्या हासिल

ज़मीं पे दिल की लहू के दरख़्त हैं गोया

ये शेर होते नहीं आसमान से नाज़िल

(651) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil In Hindi By Famous Poet Mohammad Aazam. Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil is written by Mohammad Aazam. Complete Poem Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil in Hindi by Mohammad Aazam. Download free Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil Poem for Youth in PDF. Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil is a Poem on Inspiration for young students. Share Wahi Madar-e-tamanna Wahi Sitara-e-dil with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.