मोहम्मद अाज़म कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद अाज़म
नाम | मोहम्मद अाज़म |
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अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Aazam |
तलाश फ़रेब-ए-मुतलक़ की
सच्चे मोती
नज़्म
मसअला ये नहीं
मैं उस से नफ़रत (मोहब्बत) करता हूँ
खोटे सिक्के
इक कहानी सुनोगी
बा-ख़बरी
ये नश्शा-ए-आगाही ख़तरनाक है सर में
वही मदार-ए-तमन्ना वही सितारा-ए-दिल
उस से मिल कर भी ख़लिश दिल में रहा करती है
तलफ़ करेगी कब तक आरज़ू की जान आरज़ू
सुबुक मुझ को मोहब्बत में ये कज-उफ़्ताद करता है
सब है ज़ेर-ए-बहस जो ज़ाहिर है या पोशीदा है
रक्खा था जिसे दिल में वो अब है भी नहीं भी
मोहब्बत चाहती है जिस को अफ़्साना बना देना
कुछ ग़रज़ हम को नहीं है कि कहाँ ले जाए
कमान सौंप के दुश्मन को अपने लश्कर की
इस बे-ख़ुदी में रुख़्सत ख़ुद्दारी हो गई है
हम आदम-ज़ाद जो हैं रोज़-ए-अव्वल से कमी है ये
होने को अब क्या देखिए क्या कुछ है और क्या कुछ नहीं
हँसी में टाल रहे हो तुम उस के रोने को
हब्स तअल्लुक़ात में दूर न जा इधर उधर
गुदाज़ तक ही ख़राबी हुनर सँभालेगा
गिराँ था मत्न मुश्किल और भी ताबीर पढ़ लेना
गए हैं देस को हम अपने छोड़ कर ही नहीं
इक नश्तर-ए-निगाह है इस से ज़ियादा क्या
देखा कि चले जाते थे सब शौक़ के मारे
अगर न मानें न समझो कि जानते ही नहीं