तिरी अदाओं की सादगी में किसी को महसूस भी न होगा
तिरी अदाओं की सादगी में किसी को महसूस भी न होगा
अभी क़यामत का इक करिश्मा हया के दामन में पल रहा है
(1508) Peoples Rate This
तिरी अदाओं की सादगी में किसी को महसूस भी न होगा
अभी क़यामत का इक करिश्मा हया के दामन में पल रहा है
(1508) Peoples Rate This